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Self Analysis
IIT Kanpur
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विरूपण(Creep) क्या है?
निरंतर तापमान पर समय स्वतंत्र लोचदार विरूपण
निरंतर तापमान पर समय स्वतंत्र प्लास्टिक विरूपण
निरंतर तनाव पर समय पर निर्भर लोचदार विरूपण
निरंतर तनाव पर समय पर निर्भर स्थायी विकृति
विरूपण(Creep) आमतौर पर कितने तापमान पर होता है:
< 0.2 Tm
> 0.4 Tm
at Tm
> Tm
(जहाँ Tm पदार्थ का गलनांक है).
प्राथमिक/क्षणिक अवस्था में विरूपण(Creep) दर:
शून्य रहता है
समय के साथ बढ़ता है
स्थिर रहता है (शून्य नहीं)
समय के साथ घटता है
द्वितीयक/स्थिर अवस्था में विरूपण(Creep) दर:
शून्य रहता है
समय के साथ बढ़ता है
स्थिर रहता है (शून्य नहीं)
समय के साथ घटता है
तृतीयक अवस्था में विरूपण(Creep) दर:
शून्य रहता है
समय के साथ बढ़ता है
स्थिर रहता है (शून्य नहीं)
समय के साथ घटता है
किस अवस्था में रिकवरी और स्ट्रेन हार्डनिंग के बीच संतुलन हासिल किया जाता है?
तात्कालिक तनाव के दौरान
प्राथमिक विरूपण
द्वितीयक विरूपण
तृतीयक विरूपण
निम्नलिखित में से कौन विरूपण(Creep) की दर को प्रभावित नहीं करता है:
समसामयिक तापमान
धातु का घनत्व
अनुप्रयुक्त भार/तनाव
अनावरण का समय
जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, विरूपण(Creep) दर:
बढ़ता है
बदलता नही
घट्ता है
जैसे-जैसे बाधा दूरी घटती जाती है, विरूपण(Creep) दर:
घट्ता है
बदलता नही
बढ़ता है
दो धातु के बीच तुलनात्मक रूप से, धातु -1 की स्थिर अवस्था विरूपण(Creep) दर धातु -2 के संबंध में कम (स्थिर तापमान पर) है, इसका मतलब है:
धातु -1 का कार्य जीवन धातु -2 की तुलना में अधिक होगा
धातु -1 का कार्य जीवन धातु -2 के समान होगा
धातु -1 की तुलना में धातु -2 का कार्य जीवन अधिक होगा
धातु -2 का घनत्व धातु -1 की तुलना में अधिक है
Evaluate
Reset
विरूपण(Creep)
नैनो इंडेंटेशन(Nanoindentation)
संपर्क कोण(Wetting)
प्रतिदीप्ति खुर्दबीन(Fluorescence Microscope)
आयनिक चालकता(Ionic Conductivity)
सम्मिलित लोग